विवरण
लेसेंटा में दो सक्रिय तत्व होते हैं: इमिडाक्लोप्रिड (40%) और फिप्रोनिल (40%)। यह एक प्रभावी समाधान है, जो किसानों की एक पुरानी समस्या, सफ़ेद लट (वाइट ग्रब) के विरुद्ध मदद करता है।
क्रियाविधि:
इमिडाक्लोप्रिड: यह कीड़ों के केंद्रीय तंत्रिका तंत्र में नॉन-सीधा प्रभाव डालता है। यह संवेग के सही संप्रेषण में बाधा डालता है, जिससे तंत्रिका कोशिकाओं में उत्तेजना होती है, और अंततः कीड़ा मर जाता है।
फिप्रोनिल: यह मुख्य रूप से निगलने से विषाक्तता का काम करता है और तंत्रिका आवेग संप्रेषण में हस्तक्षेप करता है।
लाभ:
सफ़ेद लट नियंत्रण के लिए सबसे उपयुक्त।
दोहरी क्रिया: प्रणालीगत और संपर्क क्रिया के कारण कीटों के विरुद्ध बेहतर प्रभाव।
लंबी अवधि तक प्रभाव: यह लंबे समय तक नियंत्रण प्रदान करता है।
पौधों की वृद्धि में सुधार: यह पौधों की वृद्धि को बढ़ावा देता है, जिससे उपज में सुधार होता है।
द्विअर्थीय पौधों की वृद्धि: यह बेहतर जड़ विकास और हरे पौधों के साथ अधिक उपज की ओर ले जाता है।
उपयोग के लिए सिफारिशें:
फसल | लक्षित कीट | फॉर्मूलेशन (ग्राम) | प्रतीक्षा अवधि (दिन) |
गन्ना | सफ़ेद लट | 437.5-500 | 296 |
उपयोग की मात्रा: 175 - 200 ग्राम प्रति एकड़।
पता चुनें: BHILWARA, RAJASTHAN, 311001
Central Avenue, Hiranandani Estate, thane, Maharashtra 400607
मूल पता: Central Avenue, Hiranandani Estate, thane, Maharashtra 400607
विवरण
लेसेंटा में दो सक्रिय तत्व होते हैं: इमिडाक्लोप्रिड (40%) और फिप्रोनिल (40%)। यह एक प्रभावी समाधान है, जो किसानों की एक पुरानी समस्या, सफ़ेद लट (वाइट ग्रब) के विरुद्ध मदद करता है।